The best Side of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए





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या भुज ते महिषासुर मारि और शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थम्बा आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा आज तोहे माता भक्त शपथ बिनु शान्ति दिए जानि सोवहु अम्बा।

कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त शक्तियां ईश्वर पूर्ण ब्रह्म की हैं और पूर्व की समता में उसके किसी अंश पर अधिकार पा सकना सहज साध्य है । अतएव मन्त्रों के आचार्यों ने ईश्वर की विभिन्न शक्तियों के ही मन्त्र बनाए हैं। मूर्ख ब्राह्मण के नाम पर बनाये गए मन्त्रों द्वारा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को जीत कर उसी की प्राप्ति की जा सकती है तदर्थ बहन छोटे मोटे कार्यों के लिये प्रयुक्त करना आवश्यक नहीं समझा जाता। किसी प्रयोग या क्रिया का जो नियम निर्धारित किया गया है, उसे मित्र कहते हैं ।

यदि उसे आँख खोलने पर दिखाई न दे, अर्थात् वह किसी ऐसी जगह हो, जहाँ विला जाए, उसे देखा नहीं जा सकता तो पैरों से भी काम लेना होगा। किसी किसी काम में हाथ, पैर, आंख, कान आदि सभी इन्द्रियों का काम आ पड़ता है। किसी में केवल बुद्धि का और किसी में केवल आत्मा का।

वशीकरण मंत्रों का उपयोग विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से किया जाता है। इन मंत्रों के उच्चारण द्वारा, व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी इच्छाओं को प्राप्त करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जगाने का कार्य करता है और आपके## वशीकरण मंत्र: आधुनिक युग में एक विचारशक्ति

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

ध्यान और शुद्धि: मंत्र का उच्चारण करने से पहले, आपको मन को शांत करना चाहिए। ध्यान या मेधावी आवस्था में प्रवेश करने के लिए ध्यान करें। अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए स्नान और पवित्रता का अनुसरण करें।

पुरुष मोहिनी मंत्र वशीकरण उन स्त्री के लिए है जिनके पति का आकर्षण अब नहीं रहा गया हो या फिर बाहरी चक्कर में चले गए हो.

विधि: किसी more info भी शनिवार या रविवार के दिन रात में नरसिंह भगवान का पूजन गूगल जलाकर घृत, शक्कर, पान-सुपारी अर्पित कर एक हजार आठ बार मन्त्र जप कर जप का दशांश होम करें। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर रूई में चंदन और अपामार्ग को मिलाकर बत्ती बनाकर काजल तैयार करें। उस काजल को सात बार अभिमन्त्रित कर आँखों में लगाने से सभी लोग साधक पर मोहित होते हैं।

ॐ क्लीं मोहय मोहय वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

ॐ नमो आदेश गुरु को राजा मोहूं प्रजा मोहूं मोहूं ब्राह्मण बनियां हनुमंत रूप में जगत मोहूं तो रामचन्द्र परमानियां गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

सही उद्देश्य और विधि से किया गया वशीकरण सुरक्षित होता है, लेकिन गलत तरीके से किया गया प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है।

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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